Posts

Showing posts from May, 2019

मिथिला दर्शन समीपेषु

मिथिला दर्शन समीपेषु आदरणीय संपादक जी, आखर लेख मे अपने सिराउर सँ उत्पन्न सीताक विवाह राम संग होयबाक तिथि केँ विवाह पंचमी क रूपमे मनाओल जयबाक चर्च कएलहुँ अछि। जे समयिक आ प्रासंगिक अछि मात्र मिथिले लेल नहि, अपितु सम्पूर्ण भारत आ विश्व लेल सेहो। लाल दास कृत रामायणक माध्यम सँ ई देखेबाक प्रयास भेल अछि जे शक्तिक साक्षात स्वरूपा सीता रामक सिर्फ अर्धांगिनिए टा नहि, रामक बल, धैर्य, साहसकेँ अक्षुण्ण रखबा लेल अप्पन स्वक त्याग करैवाली नारि छलीह संगहि हुनक आस्था, त्याग, मर्यादा ओ पुरुषार्थक रक्षार्थ सदैव तत्पर रहैवाली संगरक्षिणी सेहो छलीह। जे अप्पन चिंता एको-आधो घड़ी लेल नहि करय आ अप्पन सर्वस्व 'रामत्व' लेल त्यागि दिअय,ओकरा की कहबै? प्रायः शब्दक अकाल परि जायत! रामनाम सँ पूर्व सीताक उच्चरणे पर्याप्त अछि सीताक महिमाक गुणगान करबा लए। लालदास जी ओहिना नै  सीताजीक महत्ता पर जोर दैत सीता केँ रामक शक्तिक रूपमे स्थापित करैत छथि। रामायण सँ जँ शक्तिक अपहरण कय लेल जाय, तँ रामायणक  मर्यादा आ आदर्श कहियो पूर्ण नहि भय सकत। आ जें शक्तिक हरण भेलै तेँ पुरुषार्थ पराक्रमी भेल आ अहंक सर्वनाश भेल। आजुक सम

हम नहि जानल छलहुँ नुकायल | आधुनिक मैथिली गीत | Modern Maithili Music Vi...

Image